रोम स्थित संयुक्त राष्ट्रसंघ के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुख्य कार्यालय में 30 मई कार्डिनल ताग्ले ने कहा, ″मात्र बाजार मानव के समग्र विकास एवं सामाजिक समावेश की गारंटी नहीं दे सकता।″
उन्होंने कहा कि अनिवार्य एवं पारिस्थितिक दृष्टिकोण पर आधारित मानव विकास को खाद्य नुकसान पर ध्यान किये जाने की आवश्यकता है।
कार्डिनल ने कहा, ″हमें चीजों को अलग दृष्टिकोण से देखे जाने, वैकल्पिक नीति बनाने, जीवन शैली एवं आध्यात्मिकता को अपनाये जाने की आवश्यकता है जो सच्चे टेक्नोक्रेटिक प्रतिमान से टूटता है।
ज्ञात हो कि 2014 से 2016 तक फाओ ने विश्व के 795 मीलियन लोगों को भोजन प्रदान किया है जो भूख से पीड़ित हैं।
कार्डिनल ताग्ले ने कहा कि करीतास सबसे कमजोर एवं हाशिये पर जीवन यापन करने वाले लोगों का विशेष ख्याल रखता है। उन्होंने कहा कि करीतास का उद्देश्य है एकजुटता, सहयोग, सामाजिक समावेश की भावना उत्पन्न कर सामाजिक न्याय स्थापित करना।
उन्होंने कहा कि खाद्य नुकसान काथलिक कलीसिया की प्राथमिक चिंता है क्योंकि यह मानव विकास को कमजोर कर देता है।
उन्होंने संत पापा के प्रेरितिक पत्र लाओदातो सी का स्मरण दिलाते हुए इस बात पर बल दिया कि भूख का सामना पर्यावरण की उचित देखभाल द्वारा किया जा सकता है।
(Usha Tirkey)