28 जून को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में अपने पूर्वाधिकारी ससम्मान सेवा निवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के पुरोहिताभिषेक की 65 वीं वर्षगाँठ पर उन्होंने कहा, ″लिटल कॉर्नर″ (एक छोटी जगह) जहाँ वे आज रहते हैं शांति, शक्ति, आत्मविश्वास, परिपक्वता, विश्वास, समर्पण और वफादारी आती है जो बहुत अच्छा करता है यह मुझे तथा पूरी कलीसिया को बहुत अधिक शक्ति प्रदान करती है और यहीं से परिहास की स्वस्थ एवं आनन्द मय भावना प्रवाहित होती है।″
संत पापा फ्राँसिस ने अपने सम्बोधन में कहा कि संत पापा बेनेडिक्ट का जीवन प्रभु के प्रेम से संचालित है। इसी ने उनके सम्पूर्ण पुरोहितीय जीवन तथा एक सच्चे ईश शास्त्री के रूप में उन्हें प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है किन्तु परमप्रिय की खोज है। इसी का साक्ष्य उन्होंने हमेशा दिया है और आज भी दे रहे हैं। जीवन की जैसी भी परिस्थिति हो किन्तु उन सबके बीच एक चीज का एहसास करना कि प्रभु सचमुच उपस्थित हैं, उनकी कामना करना, अपने अंतःस्थल में उनकी उपस्थिति का अनुभव कर पाना एवं सच्चाई और गहराई से उन पर विश्वास करना साथ ही उन्हें प्यार करना यही साक्ष्य उन्होंने दिया है।
(Usha Tirkey)