इस किताब के लेखक इटली के पत्रकार अंद्रेया तोरनेल्ली ने प्रकाशित किया कि संत पापा को बहुत ज्यादा यात्रा पसंद नहीं है, लेकिन वे लोगों के निकट जाना और “आशा के बीज बोने” की जरूरत महसूस करते हैं।
इतालवी द्वीप लाम्पादूसा की पहली आश्चर्य यात्रा से लेकर एक संयुक्त लूथरवादी-काथलिक सुधार की स्मरणोत्सव के लिए स्वीडेन के लुंड और माल्मो शहरों की उनकी सबसे हाल की यात्रा के दौरान मिले हुए लोगों और अपने अनुभव के बारे में संत पापा कहते हैं कि यात्रा ने व्यक्तिगत रूप से उसे समृद्ध किया है।
80 वर्षीय संत पापा ने तोरनेली को बताया कि इस उम्र में यात्रा करना शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रुप से भारी लगता है। उन्होंने इच्छा प्रकट की है कि यात्रा हेतु व्यक्तिगत तैयारी के लिए कुछ और समय मिला होता।
संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि उसे अपनी सुरक्षा को लेकर कोई डर है लेकिन वे उन सभी लोगों की सुरक्षा के बारे में चिंता करते हैं जो उनके कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अनेक कठिनाईयों का सामना करते हैं।
संत पापा विशेष रुप से स्विस गार्ड और उसकी यात्रा में साथ देने वालों को धन्यवाद देते है। सुरक्षा के बावजूद संत पापा बैरियर के पीछे या बुलेट प्रूफ कारों में यात्रा करना नहीं चाहते हैं।
इतालवी भाषा में इस किताब का नाम ‘इन वियाज्जो’ अर्थात ‘यात्रा में’ है। यह किताब मंगलवार 10 जनवरी से 18 यूरो में सभी पुस्तक दुकानों में उपल्बध होगी।
(Margaret Sumita Minj)