संत पापा के संदेश को वाटिकन के उप-विदेश सचिव कार्डिनल अंतोनियो कामिलेरी ने सम्मेलन में प्रस्तुत किया।
संदेश में कहा गया कि जैसा कि पहले के सम्मेलन में कहा गया था कि शांति हर झगड़े का समाधान एवं देशों के बीच मित्रवत् संबंध के विकास का आधार है। नीति और कानून जो आपसी विनाश के भय पर आधारित है और संभवता पूरे मानव जाति के विनाश पर, वह संयुक्त राष्ट्र की मनोभावना के बिलकुल विपरीत है। अतः हमें अप्रसार संधि को पूरी तरह लागू करते हुए बिना परमाणु हथियारों के विश्व के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
उन्होंने शांति और सुरक्षा के खतरों पर नजर रखने की सलाह दी जो खासकर, आतंकवाद एवं परमाणु हथियारों द्वारा बलिष्ठ होता है।
उन्होंने इस बात को भी उजागर किया कि शांति एवं स्थिरता गलत सुरक्षा पर आधारित नहीं होनी चाहिए, आपसी विनाश के भय पर अथवा मात्र सत्ता के एक संतुलन को बनाए रखने के लिए नहीं बल्कि न्याय, समग्र मानव विकास, मानव के मौलिक अधिकारों के सम्मान, सृष्टि की सुरक्षा, सभी को सार्वजनिक जीवन में भाग लेने के अवसर, लोगों के बीच आपसी विश्वास, शांतिपूर्ण संस्थानों का समर्थन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा, वार्ता एवं एकात्मता पर निर्मित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि पर परमाणु हथियारों का पूर्ण उन्मूलन आवश्यक है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में परमाणु हथियारों के बिना एक दुनिया की दिशा में निर्णायक कदम उठाया जाएगा। हालांकि, यह एक जटिल और लंबी अवधि का लक्ष्य है किन्तु यह हमारी पहुँच से बाहर भी नहीं है।
(Usha Tirkey)