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कार्डिनल तौराँ के विश्वास एवं साहस की कार्डिनल सोदानो ने की प्रशंसा

In Church on July 13, 2018 at 1:51 pm


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 13 जुलाई 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो):  स्व. कार्डिनल जाँ लूई तौराँ के अन्तयेष्टि याग में प्रवचन करते हुए कार्डिनल मण्डल के प्रमुख कार्डिनल आन्जेलो सोदानो ने दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की तथा उनके दृढ़ विश्वास एवं साहस की प्रशंसा की।

कार्डिनल सोदानो ने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर, मैं अपने इस भाई की आभारपूर्वक याद करता हूँ जिन्होंने अपने गहन विश्वास के कारण अपनी गम्भीर बीमारी के भारी वजन के बावजूद साहसपूर्वक येसु मसीह की पवित्र कलीसिया की अंत तक सेवा की। ईश्वर स्वर्ग की महिमा में इस वफादार सेवक का स्वागत करें।”

पाँच जुलाई को अमरीका में कार्डिनल जाँ लूई तौराँ का निधन हो गया था। कई वर्षों से वे पार्किसन बीमारी से ग्रस्त थे किन्तु इसके बावजूद परमधर्मपीठीय अन्तरधर्म सम्वाद परिषद के अध्यक्ष रूप में सेवा अर्पित करते रहे थे।

अन्तयेष्टि याग के लिये चुने गये बाईबिल पाठों के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए कार्डिनल सोदानो ने कहा कि प्रथम पाठ प्रकाशना ग्रन्थ से लिया गया है जिसमें सन्त योहन हमें आलोक प्रदान करते हैं, लिखा है, “धन्य हैं वे मृतक, जो प्रभु में विश्वास करते हुए मरते हैं, आत्मा कहता है, “अब से वे अपने परिश्रम के बाद विश्राम करें, क्योंकि उनके सत्कर्म उनके साथ जाते हैं।”

इसी प्रकार कार्डिनल सोदानो ने कहा कि दूसरे पाठ में सन्त पौल हमें आमंत्रित करते हैं कि हम जीवन की कठिनाइयों के आगे हतोत्साहित नहीं होवें क्योंकि प्रभु सदैव हमारे साथ हैं। कुरिन्थियों के नाम दूसरे पत्र में सन्त पौल लिखते हैं कि दृढ़ विश्वास के कारण, “हम हिम्मत नहीं हारते। हमारे शरीर की शक्ति भले ही क्षीण होती जा रही हो, किन्तु हमारे आभ्यन्तर में दिन-प्रतिदिन नये जीवन का संचार होता है।”

कार्डिनल सोदानो ने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त भी पर्वत प्रवचन में हमें स्मरण दिलाते हैं कि धन्य हैं जो दीन मना हैं। धन्य हैं जो हृदय के निर्मल हैं, जो शान्ति के लिये कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रिय कार्डिनल तौराँ के जीवन की तीर्थयात्रा में यही आशीर्वचन प्रकाशमान तारे की सदृश आलोकित होते रहे और इसलिये आज हम मिलकर उनके लिये प्रभु ईश्वर को धन्यवाद दें तथा उनसे दिवंगत आत्मा की चिरशांति हेतु प्रार्थना करें।


(Juliet Genevive Christopher)

लिथुआनिया सन्त पापा की यात्रा और आशा के संदेश हेतु प्रतीक्षारत

In Church on July 13, 2018 at 1:50 pm

लिथुआनिया, शुक्रवार, 13 जुलाई 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): लिथुआनिया, लातविया तथा एस्तोनिया, आगामी सितम्बर माह में, सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा का इन्तज़ार कर रहे हैं।

विलनियुस के महाधर्माध्यक्ष जिनतारास ग्रूसाज़ ने वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में बताया कि 22 से 25 सितम्बर तक उक्त तीन देशों के लिये निर्धारित सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा हेतु तैयारियाँ जारी हैं तथा लोग आशा और विश्वास के साथ प्रतीक्षारत हैं। इस यात्रा का आदर्श वाक्य है: “येसु ख्रीस्त हमारी आशा”।

22 से 25 सितम्बर तक की यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस लिथुआनिया के विलनियुस एवं काओनास, लातविया के रीगा और आगलोना तथा एस्तोनिया के ताल्लिन शहरों का दौरा करेंगे।

बालकन देशों में सन्त पापा फ्राँसिस की उक्त यात्रा 25 वर्षों बाद कलीसिया के परमाध्यक्ष की यात्रा होगी। 25 वर्षों पूर्व सन् 1993 के सितम्बर माह में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने इन देशों की प्रेरितिक यात्रा की थी।

महाधर्माध्यक्ष ने कलीसिया तथा उक्त बालकन देशों के बीच मधुर सम्बन्धों पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि वे सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा में ईश्वर के हस्तक्षेप को देखते हैं इसलिये कि सन्त पापा फ्राँसिस परिसरों के प्रति अभिमुख हैं और इनमें सामाजिक, आर्थिक, अस्तित्वात्मक तथा भौगोलिक सभी परिसर शामिल हैं और उक्त सभी देश यूरोप के परिसर में और उसकी बाह्य सतहों में बसे हैं।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि लिथुआनिया शहीदों के इतिहास से भरा है और इसके साथ ही वह ऐसा देश है जहाँ आप्रवास एवं मानव तस्करी जैसे गम्भीर प्रश्न समसामयिक समाज को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश अनमोल सिद्ध होगा।

महाधर्माध्यक्ष ने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा उस समय हो रही है जब लिथुआनिया अपनी स्वतंत्रता का शतवर्ष तथा सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय की प्रेरितिक यात्रा की 25 वीँ वर्षगाँठ मना रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह “ईश्वर द्वारा दिया गया महान वरदान है।”


(Juliet Genevive Christopher)

त्रापानी, दिचियोत्ती नाव को घाट पर उतारने के उपरान्त सुविधाओं का आह्वान

In Church on July 13, 2018 at 1:48 pm

रोम, शुक्रवार, 13 जुलाई 2018 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के त्रापानी समुद्री घाट पर आप्रवासियों से भरी दिच्चियोत्ती नामक जहाज़ को घाट पर उतारने के बाद तत्काल सुविधाएँ प्रदान करने का कई मानवतावादी एवं लोकोपकारी संगठनों ने आह्वान किया है।

इन्टरसोस, मेदिची सेन्सा फ्रॉन्टियर, ओआईएम, सेव द चिल्ड्रन सहित संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि, यूनीसेफ एवं शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चुक्त यूएनएचसीआर ने दिच्चियोत्ती जहाज़ को लम्बे समय तक घाट पर लगाने हेतु अनुमति न मिलने पर गहन चिन्ता व्यक्त की है। इस नाव पर महिलाओं और बच्चों सहित 67 शरणार्थी हैं जो विगत चार दिनों से अनुमति न मिलने के कारण नाव पर ही थे। चार दिनों के बाद गुरुवार सन्ध्या उक्त नाव को अनुमति मिली किन्तु अभी-अभी नाव पर सवार लोगों की नियति स्पष्ट नहीं है। इनमें से दो व्यक्तियों पर, नाव के कप्तान के साथ झगड़ा करने के आरोप में, जाँच पड़ताल जारी है।

गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अधिकारियों ने नाबालिगों और कमजोर लोगों से शुरू कर नाव पर सवार सभी लोगों के बाहर निकलने के अधिकार पर बल दिया तथा उन्हें  तत्काल सामाजिक स्वास्थ्य सहायता एवं बुनियादी आवश्यकताएँ प्रदान करने की मांग की है।


(Juliet Genevive Christopher)