Vatican Radio HIndi

Archive for November 25th, 2016|Daily archive page

शैतान झूठा है और झूठों का पिता है

In Church on November 25, 2016 at 4:31 pm

 

वाटिकन रेडियो, शुक्रवार 25 नवम्बर 2016 (वी आर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन मिस्सा के दौरान विश्वासियो को शैतानी चाल से सतर्क रहने का आहृवान किया।

दुनिया के अंत को लेकर उन्होंने प्रकाशना ग्रंथ पर अपने चिंतन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्ग दूत शैतान को एक गर्त में फेंक देता और उसे बंद कर देता है। शैतान गहरे गर्त में फेंका जाता है जिससे वह दुनिया को गुमराह न कर सके क्योंकि वह एक चालबाज है।

उन्होंने कहा,“शैतान झूठा है और झूठों का पिता है। वह अपने में झूठी बातें और चालबाजी करता है। वह हमें इस बात की विश्वास दिलाता है कि वे सेब खाने से हम ईश्वर के अनुरूप हो जायेंगे। वह अपने विचारों को हमें बिक्री करता और हम उसे खरीद लेते हैं। वह हम से धोखाधड़ी करता और हम उसके जाल में फँस जाते हैं। “लेकिन हमें कैसे शैतान के जाल से बच सकते हैं”? येसु हमें बतलाते हैं कि हमें शैतान से कभी वार्ता नहीं करनी चाहिए। येसु शैतान के साथ कैसे पेश आते हैं? वे उन्हें भाग देते हैं वे उससे  बातें नहीं करते हैं।”

संत पापा ने प्रकाशना ग्रंथ की चर्चा करते हुए कहा कि ईश्वर “कार्य के अनुरूप” बड़े और छोटों का न्याय करेंगे। दुष्ट आग में फेंक दिये जायेंगे जो उनकी दूसरी मृत्यु होगी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए अनंत फटकार यंत्रणा कक्ष नहीं वरन् दूसरी मृत्यु है। वे ईश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने ईश्वर के सानिध्य में जीवन यापन नहीं किया। ये वे लोगों होंगे जिन्होंने अपनी इच्छा के अनुरूप जीवन जीया और अपने ईश्वर से दूरियाँ बन लीं। उन्हें अनंत सजा के रुप में ईश्वर की उपस्थिति से सदैव दूर रहना होगा। यह उनके लिए सबसे बड़ा दुःख का कारण होगा।

संत पाप ने कहा कि अपने को ईश्वर से दूर करना जो हमें इतना प्रेम करते और हमें खुशी प्रदान करते हैं हमारे लिए “आग” कि भांति कष्टदायक होगा। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने हृदय को नम्रता में खोलें तो हम भी ईश्वरीय क्षमा, खुशी और मुक्ति का अनुभव प्राप्त करेंगे।

आशा के द्वारा हम अपने हृदयों को ईश्वर से मिलने हेतु खोलते हैं। आशा में हम येसु से मिलने की प्रतीक्षा करते हैं जो सुन्दर, अति सुन्दर बात है। हम अपनी नम्रता में केवल “येसु” कहे और वे बाकी सारी चीजों को हमारे लिए पूरा करेंगे।


(Dilip Sanjay Ekka)

संत पापा के सेवा कार्य हेतु लोटरी की बिक्री

In Church on November 25, 2016 at 3:47 pm

वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 25 नवम्बर 2016 (वी आर) संत पापा द्वारा करुणा के कार्यों को जारी रखते हुए करुणा और सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाने के क्रम में वाटिकन ने गुरुवार को लोटरी टिकटों की बिक्री शुरू की।

इन टिकटों द्वारा जमा राशि को संत पापा केन्द्रीय इटली में भुकम्प से प्रभावित लोगों हेतु राहत कार्य हेतु प्रदान करेंगे। ज्ञात हो कि इस साल इटली में 24 अगस्त और 30 अक्टूबर को आये भुकम्प में हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गये हैं। करुणा और सेवा कार्य के मद्दे नजर लोटरी टिकट का मूल्य 10 यूरो है जिनका ड्रा 2 फरवरी 2017 को होगा।


(Dilip Sanjay Ekka)

संत पेत्रुस के प्रांगण में क्रिसमस ट्री की स्थापना

In Church on November 25, 2016 at 3:45 pm

 

वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 25 नवम्बर 2016 (वी आर) ख्रीस्त जनम दृश्य की तैयारी के तहत संत पेत्रुस के प्रांगण में 25 मीटर क्रिसमस ट्री व्यवस्थित किया गया।

इस वर्ष वाटिकन संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में डाला गया क्रिसमस ट्री उत्तरी इटली के तेन्तो शहर से लाया गया है। इस फर वृक्ष को स्थानीय स्कूलू बच्चों ने सजाया है जो विभिन्न रोगों से ग्रसित अस्पतालों में अपनी चिकित्सा के लिए दाखिल हैं। वृक्ष को सजाई जाने वाली श्रृंगार की चीजें भी इटली के विभिन्न अस्पतालों में दखिल बच्चों के द्वारा तैयार की गई हैं जो कैंसर जैसी अन्य घातक बीमारियों से ग्रसित हैं।

क्रिसमस ट्री में करीब 18 हजार बत्तियाँ डाली जायेंगी जो एईडी तकनीकी की हैं जिन्हें विशेष रुप से पर्यावरण को ध्यान में रखते चुना गया है जो बहुत कम ऊर्जा खपत करती हैं।

येसु जन्म के दृश्य की आकृतियाँ उन लोगों को समर्पित की जायेंगी जिन्होंने अपने देशों से पलायन करते हुए खतरनाक समुद्री यात्रा पूरी की है। अन्तराष्ट्रीय प्रवासी संगठन के आँकड़ों के मुताबिक इस साल करीब 3000 लोगों भूमध्यसागर में जलमग्न हो गये।

ख्रीस्त जयंती के दृश्य की 17 मूर्तियाँ माल्टा द्वीप से आयेंगी जिनके पहरावे और वेशभूषा माल्टीय संस्कृति की झलक पेश करेंगी। इसके साथ ही माल्टा के पारंपरिक नाव “लुजु” की भी एक आकृति प्रदर्शित की जायेगी जो न केवल मच्छी और जीवन शैली को व्यक्त करता वरन प्रवासियों के दुर्भाग्य पूर्ण यात्रा को भी बयां करता है।

ख्रीस्त जन्म और क्रिसमस ट्री की बत्तियाँ  9 दिसम्बर को जलायी जायेंगी जो नये साल 8 जनवरी 2017 तक जगमगाती रहेंगी।


(Dilip Sanjay Ekka)

नैरोबी की एक सड़क़ कार्डिनल ओतुंगा को समर्पित

In Church on November 25, 2016 at 3:40 pm

वाटिकन रेडियो शुक्रवार, 25 नवम्बर 2016 (वी आर) केनिया की सरकार ने नैरोबी की एक सड़क को ईश्वर के सेवक कार्डिनल मैरिस मैकेल ओतुंगा के नाम समर्पित किया गया।

नैरोबी के सिटी हॉल अन्ना के निकट हॉली फैमिली लघु गिरजाघर में इस घटना की जानकारी देते हुए कार्डिनल लिजुंग ने नैरोबी के सरकारी अधिकारियों का धन्यवाद अदा किया जिन्होंने कार्डिनल ओतुंगा को उनके नैतिक उदाहरणों हेतु यह सम्मान प्रदान किया है।  उन्होंने कहा, “यह मार्ग हमें ईश सेवक कार्डिनल के उदाहरणों और उनके प्रार्थनामय जीवन को अपने में आत्मसात करने हेतु प्रेरित करे। उसकी मध्यस्थता पूर्व प्रार्थना नैरोबी और पूरे देश को ईश्वर की सुरक्षा में रखे और हमें अपनी आशीष से भर दे। कार्डिनल ओतुंगा नौरोबी और केनिया के सभी लोगों को साहस, खुशी तथा दूसरों की देख-रेख और सेवा जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा प्रदान करें”।

कार्डिनल निजूए ने केनिया नेताओं हेतु प्रार्थना की कि वे जातिवाद और भेदभाव से ऊपर उठ कर देश की एकता एवं समृद्धि हेतु कार्य करें जैसे कि ईश सेवा कार्डिनल ओतुंगा ने अपने जीवन में ईमानदारी और सरलता को धारण करते हुए देश की पिछड़ी जनता हेतु किया था।

नैरीबी के राज्यपाल डा. एभान्स कीदेरो ने कहा कि ईश के सेवा कार्डिनल ओतुंग ईश्वर के आध्यात्मिक नायक थे जिन्होंने हमारे देश को एक अच्छी भूमि बनाने का प्रयास किया जहाँ सभी भाई-चारे के साथ रह सकें। उन्होंने देश में भ्रष्टचार की निंदा करते हुए देश के नेता से अनुरोध किया कि वे ईश सेवक की तरह लोगों की सेवा हेतु अपने जीवन को समर्पित करें क्योंकि इसी के द्वारा देश का विकास संभव है। उन्होंने अपने संबोधन में लोगों से कहा, “चुनाव हमें विभाजित न करें, वरन् हमें केनिया के निवासियों की भांति एकता में बंधे रहें”।

विदित हो कि कार्डिनल मौरिस माईकेल ओतुंगा का निधन 6 सितम्बर 2003 को 80 वर्ष की आयु में हो गई। उन्होंने 50 वर्षों तक काथलिक कलीसिया को अपने सेवाएँ प्रदान की। उनकी धन्य घोषणा की प्रक्रिया 2009 में शुरू की हुई और जिनके संदर्भ में सभी दस्तावेज संत घोषणा की प्रक्रिया समिति रोम को सौंपी गई है।


(Dilip Sanjay Ekka)

भ्रष्टचार ईशनिंदा है जो हमें धन का सेवक बनाता है

In Church on November 25, 2016 at 3:38 pm

वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 25 नवम्बर 2016 (वी आर) भ्रष्टचार एक तरह का ईश निंदा है जो धन की सेवा और दूसरे का शोषण करने हेतु हमें प्रभावित करता है उक्त बातें संत पापा ने गुरुवार को वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान कही।

दैनिक पाठों के आधार पर उन्होंने दुनिया के अंत, न्याय और विश्वासियों की मुक्ति पर अपना चिंतन व्यक्त करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार बाबीलोन शहर के विनाश का कारण बना। उन्होंने कहा कि भ्रष्टचार ईश निंदा जीवन जीने के समान है जो बाबीलोन शहर की भाषा और दुनियादारी जीवन का प्रतीक है। इस भ्रष्टचार के कारण हम अपने ईश्वर से दूर चले जाते और अन्यों का शोषण करते हुए धन के पूजक बन जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस दुनियावी धन के प्रति हमारी आसक्ति नष्ट हो जायेगी जिस प्रकार हम प्रकाशना ग्रंथ में स्वर्गदूत के विजयी पुकार को सुनते हैं जो बाबीलोन के दिखावे, घंमड और बुराई का साम्राज्य के विनाश की घोषणा करता है।

इसके विपरीत एक शक्तिशाली आवाज जहाँ असंख्य लोगों ईश्वर की स्तुति और गुणगान यह कहते हुए करते हैं-“मुक्ति, महिमा और शक्ति ईश्वर को प्राप्त हो”। यह उन ईश्वर भक्त लोगों की आवाज है जो पापी हैं लेकिन भ्रष्ट नहीं हुए हैं जिन्हें ईश्वर ने मुक्ति प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि एक पापी ईश्वर से क्षमा की याचना करना जानता है। वह येसु ख्रीस्त में ईश्वर की महिमा करना जानता है यद्यपि यह ख्रीस्तीयों के लिए एक सहज कार्य नहीं है। जब हमें किसी चीज की जरूरत होती है तो हम एक अच्छी प्रार्थना करते हैं लेकिन हमें ईश्वर की महिमा करना भी सीखना है। संत पापा ने जोर देते हुए कहा कि हमें इसे अभी सीखने की जरूरत है न कि हम इसे अपने जीवन के अंतिम क्षणों में जल्दी बाजी में सीखें। उन्होंने पवित्र यूखारीस्त के सामने एक सुन्दर विन्ती की चर्चा करते हुए कहा, “आप सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं और मैं आपके प्रेम में एक प्यारी संतान”।

उन्होंने दैनिक पाठ में दूत के द्वारा लेखक को फुसफुसाई एक तीसरी आवाज की चर्चा करते हुए कहा, “धन्य हैं वे जो ईश मेमने के विवाह भोज में सहभागी होने हेतु बुलाये गये हैं”। ईश्वर की वाणी शोर नहीं वरन एक धीमी आवाज है जो हमारे हृदयों में कही जाती है, ठीक उसी तरह की आवाज जहाँ ईश्वर नबी एलियस से बातें करते हुए कहते हैं। ईश्वर की आवाज शांतिमय तरीके से हमारे हृदयों में आती है।

उन्होंने कहा कि येसु के दृष्टान्तानुसार विवाह भोग हमारी मुक्ति का दृश्य होगा जहाँ अंधे, लगड़े, बहरे, गूँगे और हम सभी निमंत्रित पापी अपनी नम्रता पूर्ण हृदय से कह पायेंगे, “मैं एक पापी हूँ और ईश्वर मुझे बचाते हैं”।

सुसमाचार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,“जब तुम इन सारी चीजों को घटित होते देखोगें- जो कि दिखावे और घमंड का विनाश है, उठकर खड़े हो जाओ क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट है। ईश्वर हमें अपनी कृपा से भर दे जिससे हम उनकी आवाज को सुनने हेतु अपने को तैयार कर सकें, “आओ, आओ, आओ मेरे विश्वासी सेवकों, तुम कमजोर हो लेकिन विश्वासी बन रहें, अपने ईश्वर के विवाह भोज में सम्मिलित हो”।


(Dilip Sanjay Ekka)

संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक पत्र में कार्डिनल भिन्सेट की टिप्पणी

In Church on November 25, 2016 at 3:36 pm

 

वाटिकन रेडियो, शुक्रवार 25 नवम्बर 2016 (वी आर) संत पापा द्वारा करुणा की जयंती वर्ष समापन के अवसर पर कलीसिया के नाम निदेर्शित प्रेरितिक पत्र “मिसरिकोदिया एत मिसेरा”  (करुणा और कष्ट) का मुख्य संदेश करुणा का द्वार सदैव खुला है उक्त बातें वेस्टमिनिस्टर के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल विन्सेट निकोल्स ने कही।

वाटिकन रेडियो की सुसी होजेस को दिये गये अपने साक्षात्कार में उन्होंने संत पापा के प्रेरितिक पत्र पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि यह जयंती वर्ष का अति सुन्दर समापन है। संत पापा हम सभों से निवेदन करते हैं कि हम “करुणा की संस्कृति” को अपने में विकासित करें जिसका प्रयास हमें जीवन भर करने की जरूरत है न कि केवल एक वर्ष।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है यह काथलीकों के बृहद समुदाय को न केवल संचार माध्यमों द्वारा प्रकाशित पुरोहित को गर्भपात जैसे पापों की क्षमा के अधिकार वरन करुणा के उपहार को और अधिक गहराई से समझने में मदद करेगा। “प्रेरितिक पत्र में इस बात पर बल दिया गया है कि हम ईश्वर की करुणा के समझें जो हमें आशा प्रदान करती है।”


(Dilip Sanjay Ekka)