उनके अनुसंधान का विषय था ″कलीसिया को ईश्वर की बुलाहट, विश्व को प्रेम के राज्य में बदलने हेतु संबद्ध।″
सिरोमोनी ने इस शोध कार्य की शुरूआत अपने सेवानिवृत हो जाने के बाद की थी तथा डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त करने के लिए उन्हें गत सप्ताह पुरस्कृत किया गया।
वे वाई.एम.सी.ए के महासचिव थे तथा बाद में संत मारकुस महागिरजाघर के औद्योगिक टीम सेवा के शीर्ष अधिकारी नियुक्त हुए। वे व्यवहारिक विज्ञान के लिए भारतीय सोसाईटी के संस्थापक सदस्य में से एक हैं।
समाज सेवी सीरोमोनी बैंगलोर में झुगी झोपड़ियों में रहने वालों को कौशल का ज्ञान देते हैं ताकि वे अपनी जीविका के लिए कुछ अर्जित कर सकें। वे शिक्षा एवं चिकित्सा की मौलिक आवश्यकताओं के लिए भी उनकी मदद करते हैं।
(Usha Tirkey)