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ख्रीस्त का पुनरुत्थान ही ख्रीस्तीय जीवन का आधार है

In Church on June 24, 2017 at 3:48 pm

वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 जून 2017 (रेई): भूत को कृतज्ञता के साथ याद करें, वर्तमान को उत्साह के साथ जीयें एवं भविष्य को आशा के साथ स्वीकार करें। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 24 जून को, ‘येसु ख्रीस्त के पुनरुत्थान’ धर्मसंघ की 33वीं आमसभा में भाग ले रहे  सदस्यों से मुलाकात के दौरान कही।

उन्हें सम्बोधित कर उन्होंने कहा, ″फ्राँस में 19वीं सदी में आपके धर्मसंघ की स्थापना इसलिए हुई ताकि आप इस बात का साक्ष्य दे सकें कि येसु ख्रीस्त का पुनरुत्थान ही ख्रीस्तीय जीवन का आधार है।″

धर्मसंघ की आमसभा की विषयवस्तु है ″पुनर्जीवित प्रभु की उपस्थिति का साक्ष्य, समुदाय से दुनिया को।″

संत पापा ने सदस्यों को तीन प्रमुख बातों पर चिंतन करने की सलाह दी। पहला उन्होंने मरिया मगदलेना के जीवन पर गौर करने को कहा। मरिया मगदलेना ने पास्का के दिन प्रातः जी उठे येसु ख्रीस्त से मुलाकात की तथा उसकी घोषणा चेलों के बीच किया। वह येसु को मृत अवस्था में ढूँढ़ रही थी किन्तु उन्हें जीवित पाया। यही आनन्द का समाचार है जिसे उन्होंने दूसरों को प्रदान किया। ख्रीस्त जीवित हैं तथा उनमें मृत्यु पर विजय पाने एवं अनन्त जीवन प्रदान करने का सामर्थ्य।

संत पापा ने कहा कि बीते दिनों की याद हमें जीवन की खोज करने से न रोके। हम बीती बातों की याद में न बने रहें किन्तु उन लोगों के समान आगे बढें जिन्होंने इतिहास में ईश्वर पर विश्वास को सुदृढ़ बनाये रखा तथा अंधकार के बीच भी सबेरा होने का प्रचार किया। संत पापा ने उन्हें पवित्र आत्मा से अनुप्राणित होकर साहस के साथ पुनर्जीवित ख्रीस्त का प्रचार करने की सलाह दी।

संत पापा ने दूसरे बिन्दु के रूप में मरिया मगदलेना एवं अन्य नारियों को कब्र की ओर जाते हुए प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, ″वे महिलाएँ आगे बढ़ीं उन्होंने अपना ‘घोसला’ त्याग तथा बाहर निकलने की जोखिम उठाया। उन्होंने सदस्यों से कहा कि पवित्र आत्मा उन्हें प्रेरित कर रहा है कि वे बाहर निकलें, सुदूर क्षेत्रों के सभी लोगों के पास जाएँ। जहाँ सुसमाचार के प्रकाश को पहुँचाये जाने की आवश्यकता है। वे ईश्वर के चेहरे की खोज करने वाले व्यक्ति बनें। प्रभु मरे नहीं बल्कि समुदायों में जीवित हैं।″

आम सभा की विषयवस्तु के दूसरे भाग पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि समुदाय से दुनिया तक। एमाउस के चेलों के समान हम जी उठे ख्रीस्त को अपने बगल में चलने दें, खासकर, निराशा एवं एकाकी के क्षणों में। यह मुलाकात पुनः एक बार दौड़ने का अवसर प्रदान करेगा। समुदाय को आनन्द से भर देगा तथा समुदाय के द्वारा पुनर्जीवित ख्रीस्त के प्रचार से समस्त विश्व को आनन्द प्रदान करेगा।

जो लोग पुनर्जीवित ख्रीस्त में विश्वास करते हैं वे साहस के साथ आगे बढ़ेंगे तथा दूसरों को पुनरूत्थान के सुसमाचार का प्रचार करेंगे। वे साक्ष्य देने की जोखिम से नहीं डरेंगे। जैसा कि प्रेरितों ने किया। संत पापा ने कहा कि कितने लोग आनन्द के प्रचार का इंतजार कर रहे हैं। इस पर हमारा कोई हक नहीं हैं कि हम उन्हें उससे वंचित करें।

संत पापा ने पुनर्जीवित ख्रीस्त का साक्ष्य देने का ठोस माध्यम समुदाय में भ्रातृप्रेम बतलाया।

उन्होंने सलाह दी कि वे सुसमाचार प्रचार हेतु समुदाय के निर्माता बनें, न कि उनके उपभोक्ता बनें। भ्रातृप्रेम को सुसमाचार का पहला माध्यम बनायें। समुदाय प्रेरिताई के लिए खुला हो।

संत पापा ने कहा कि वे आनन्द एवं पास्का की आशा के प्रेरित बनें। पुनर्जीवित ख्रीस्त को पहचानने का आनन्द प्रेरिताई हेतु प्रेरित करे तथा पास्का रहस्य का प्रकाश नयी आशा प्रदान करे। हम उठें ताकि दूसरों को उठने में मदद दे सकें। मुक्त रहें ताकि दूसरों के लिए स्वतंत्रता ला सकें। नव जीवन प्राप्त करें ताकि दूसरों के लिए नया जीवन प्राप्त करने में मदद दे सकें। संत पापा ने कहा कि यही उनकी बुलाहट है।


(Usha Tirkey)

अंतरराष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता, पानी के मूल्य पर चिंतन करने का अवसर

In Church on June 24, 2017 at 3:46 pm

 

वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 जून 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 24 जून को “सेतेकॉली” अंतरराष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता के एथलीटों, आयोजकों और प्रायोजकों से वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की।

‘सेतेकोली’ की घटना बुढ़ापेस्त में जुलाई में आयोजित विश्व चैम्पियशिप के पूर्व अंतिम बड़ी प्रतियोगिता है।

संत पापा ने कहा कि खेल उनके लिए तथा सभी खेल प्रेमियों के लिए आनन्द एवं उत्साह का अवसर है क्योंकि खेल भी एक उत्सव है। एक उत्सव खाली नहीं होता बल्कि समाज में आवश्यक मूल्यों को बढ़ाता है साथ ही पानी के मूल्य पर चिंतन करने का अवसर देता है। संत पापा ने कहा कि उनका खेल पानी में है जिसके लिए उन्हें लगातार मेहनत एवं ऊर्जा खर्च करने की आवश्यकता पड़ती है।

संत पापा ने संत फ्राँसिस असीसी की याद की जिन्होंने जल को बहन पुकारा था।

संत पापा ने कहा कि खेल के दौरान जब वे पानी के सम्पर्क में आते हैं तब वे जल की विभिन्न संस्कृतियों को अपना योगदान दे सकते हैं। जल ही जीवन है इसके बिना जीवन नहीं है तथा जीवन के बारे बात करना ईश्वर के बारे बात करना है जो जीवन के उद्गम एवं स्रोत हैं। हमारा ख्रीस्तीय जीवन भी जल के चिन्ह से ही आरम्भ होता है जिसे हम बपतिस्मा संस्कार में प्राप्त करते हैं।

संत पापा ने सलाह दी कि पानी के सम्पर्क में रहते हुए वे जीवन एवं खेल को दूषित करने वाली हर गंदगी का विरोध करना सीखें।


(Usha Tirkey)

मानव की तस्करी का मूल कारण है व्यक्ति को वस्तु के रूप में देखना

In Church on June 24, 2017 at 3:43 pm

न्यूयॉर्क, शनिवार, 24 जून 2017 (रेई): अमरीका में वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक एवं प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष बेर्नादितो औजा ने 23 जून को मानव तस्करी निराकरण पर आधारित सत्र को सम्बोधित किया जो मानव अधिकार पर ध्यान देने एवं आधुनिक विश्व के सबसे अंधकारमय पक्ष पर गौर करने का अवसर था।

उन्होंने अपने सम्बोधन में मानव तस्करी के विभिन्न रूपों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि मानव अधिकार का हनन, यौन शोषण, गुलामी, बेगार, अंगों की चोरी एवं अन्य तरह की गुलामी द्वारा किया जाता है। इसके लिए गरीबी, बेरोजगारी, विस्थापन, शरणार्थी संकट तथा अन्य आर्थिक, पर्यावरण और राजनीतिक घटक जिम्मेदार हैं जो मानव गरिमा के खिलाफ इन नृशंस अपराधों को बढ़ावा देते हैं, लेकिन इन कारकों में सिर्फ संदर्भ का वर्णन किया गया है जिसमें दूसरे व्यक्तियों का शोषण किया जा सकता है। मानव की तस्करी का मूल कारण है उन्हें वस्तुओं के रूप में देखना तथा उनको शारीरिक एवं मानसिक बंधन में रखना।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने प्रेरितिक विश्व पत्र ‘लाओदातो सी’ में मानव-विज्ञान और नैतिक मूल के बारे में स्पष्ट कहा है कि “एक व्यक्ति के साथ दूसरे के लाभ के लिए, वस्तुओं के रूप में व्यवहार करना, उसे बेगारी कराना या गुलाम बनाना अथवा उसका यौन शोषण, संस्कृति को चुनौती दे रहा है।  उन्होंने कहा कि यह संस्कृति भ्रष्ट मानव पारिस्थितिकी से प्रभावित है जिसमें मानव को शोषण कर्ताओं के लाभ के लिए साधन के रूप में देखा जाता है, जैसा कि चीजों को प्रयोग किया जाता और फेंक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि हम मानवीय तस्करी में यौन, आर्थिक और अन्य तरह के शोषण से मानव अधिकारों की रक्षा करने के बारे में गंभीर हैं, तो हमें ईमानदारी और दृढ़तापूर्वक इसकी मांग करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के शिकार लोगों के मानव अधिकार की रक्षा करना महत्वपूर्ण है किन्तु काफी नहीं है। मानव प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त करने एवं मानसिक पीड़ा से उबरने हेतु हमें उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। हमें हर तरह की गुलामी से उन्हें बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए। जिसका अर्थ है कि उन्हें सुरक्षित आवास एवं व्यवस्थित स्थिति प्रदान करना जो प्रतिबद्धता की मांग करता है।

महाधर्माध्यक्ष औजा ने इस क्षेत्र में काथलिक कलीसिया के कार्यों का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि संत मर्था दल एवं कई महिला धर्म संघियों के प्रयास द्वारा मानव तस्करी के खिलाफ कार्य किया जा रहा है तथा पीड़ितों को अपनी मानव प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त करने में मदद दी जा रही है।

उन्होंने अपील की कि मानव तस्करी से मुक्त किये गये लोगों को सामने एवं केंद्र में रखते हुए हम मानव अधिकार के हनन को उत्प्रेरित करने वाले कारणों को दूर करने हेतु अधिक संसाधनों तथा उन्हें पूर्ण पुनर्वास उपलब्ध कराने एवं समाज में पुनः एक साथ लाने हेतु प्रतिबद्ध होना चाहिए।


(Usha Tirkey)

संत पापा की आगामी प्रेरितिक यात्रा कोलोम्बिया में

In Church on June 24, 2017 at 3:41 pm

वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 जून 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस 6 से 11 सितम्बर 2017 को कोलोम्बिया की प्रेरितिक यात्रा करेंगे।

वाटिकन प्रेस द्वारा जारी विज्ञाप्ति अनुसार उनके प्रेरितिक यात्रा का कार्यक्रम इस प्रकार होगा।

बुधवार 6 सितम्बर 2017

11.00- रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से बोगोटा प्रस्थान।

16.30-  बोगोटा में शुभागमन एवं स्वागत कार्यक्रम।

बृहस्पतिवार 7 सितम्बर 2017

09:00 – अधिकारियों से मुलाकात।

09:30 – राष्ट्रपति के साथ मुलाकात

10:20 – महागिरजाघर का दर्शन।

10:50- कार्डिनल पैलेस की बालकोनी से विश्वासियों को संत पापा का आशीर्वाद।

11:00- कार्डिनल पैलेस के सभागार में धर्माध्यक्षों के साथ मुलाकात।

15:00 – प्रेरितिक राजदूत आवास में लातिनी अमरीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन से

मुलाकात।

16:30 – सिमोन बोलिवर पार्क में ख्रीस्तयाग।

शुक्रवार 8 सितम्बर 2017

07:50 – हवाई जहाज द्वारा विल्लाविचेंसो के लिए बोगोटा से प्रस्थान

08:30 – विल्लाविचेंसो के एपैई हवाई अड्डा पर आगमन।

09:30 – कातामा में ख्रीस्तयाग।

15:40 – पाराग्वे में राष्ट्रीय मेल मिलाप हेतु विशाल प्रार्थना सभा।

18:00 – बोगोटा के लिए प्रस्थान।

18:45- बोगोटा आगमन।

शनिवार 9 सितम्बर 2017

08:20 – बोगोटा से रियोनेग्रो के लिए प्रस्थान।

09:10- रियोनेग्रो आगमन।

09:15 – हेलीकोप्टर द्वारा मेडेलिन प्रस्थान

10:15- मेडेलिन में ख्रीस्तयाग समारोह।

15:00- होगर संत जोश में सभा।

16:00 – ला माकारेना स्टेडियम में धर्मसमाजियों, गुरूकुल छात्रों एवं उनके परिवार वालों से मुलाकात।

17:30 हवाई जहाज द्वारा बोगोटा प्रस्थान

18:25 – बोगोटा आगमन।

शनिवार, 10 सितम्बर 2017

08:30 – हवाई जहाज द्वारा कारताजेना के लिए प्रस्थान।

10:00 – कारताजेना पर आगमन।

10:30 – संत फ्राँसिस असीसी प्राँगण में आवासहीन लोगों एवं तालिथा कुम कार्य हेतु निर्मित किये

जाने वाले मकान की नींव पर संत पापा आशीष प्रदान करेंगे।

12:00 – संत पेत्रुस क्लेवर गिरजाघर के सामने देवदूत प्रार्थना का पाठ।

12:15- संत क्लेवर तीर्थस्थल का दर्शन।

15:45- हेलीकोप्टर द्वारा कोनतेकार हार्बर क्षेत्र के लिए प्रस्थान।

16:30- ख्रीस्तीयाग समारोह।

18:30 – हेलीकोप्टर द्वारा कारतेजेना हवाई अड्डा प्रस्थान।

18:45- विदाई समारोह।

19:00 – रोम हेतु प्रस्थान।


(Usha Tirkey)

दया हृदय को प्रफुलित करता

In Church on June 24, 2017 at 3:39 pm

वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 जून 2017 (रेई): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार के ट्वीट संदेश में दया सदगुण का महत्व बतलाया।

उन्होंने संदेश में लिखा, ″दया हृदय को प्रफुलित करता तथा भाई-बहनों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाता एवं उनके साथ सहभागी बनाता है।″


(Usha Tirkey)