Vatican Radio HIndi

Archive for April 13th, 2018|Daily archive page

“गाओदेते एत एक्ज़ुलताते” से 13 अप्रैल को सन्त पापा की ट्वीट

In Church on April 13, 2018 at 1:03 pm

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने अपने अन्तिम प्रेरितिक प्रबोधन “गाओदेते एत एक्ज़ुलताते” अर्थात् हर्षित हो और आनन्द मनाओ से 13 अप्रैल को एक ट्वीट सन्देश प्रकाशित किया।

शुक्रवार को अपने ट्वीट सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखा, “ईश्वर जिस पवित्रता की हमसे अपेक्षा करते हैं वह दैनिक जीवन में किये छोटे-छोटे नेक कर्मों द्वारा विकसित होती है”(गाओदेते एत एक्ज़ुलताते)।


(Juliet Genevive Christopher)

सन्त पापा फ्राँसिस ने की एमाज़ोन पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की बैठक की अध्यक्षता

In Church on April 13, 2018 at 1:02 pm


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018 (रेई,वाटिकन रेडियो): एमाज़ोन क्षेत्र की धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के आयोजन हेतु गुरुवार को वाटिकन में धर्माध्यक्षों की एक विशिष्ट बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता सन्त पापा फ्राँसिस ने की।

एमाज़ोन क्षेत्र के 18 धर्माध्यक्षों सहित इस क्षेत्र के 13 विशेषज्ञों ने गुरुवार, 12 अप्रैल को सम्पन्न  बैठक में भाग लिया।

धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के महासचिव कार्डिनल लोरेन्सो बालदिसेर्री ने बैठक में एमाज़ोन क्षेत्र को परिभाषित करते हुए इसे अपार धन सम्पत्ति एवं प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न बागान की संज्ञा प्रदान की। उन्होंने कहा कि एमाज़ोन क्षेत्र इतिहास और संस्कृति की धनी तथा अपनी अचूक विशेषताओं के लिये पहचानी जानेवाली जनजातियों की मातृभूमि है।

कार्डिनल महोदय ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि एमाज़ोन पर असीमित महत्वाकांक्षाएँ रखनेवाली शक्तियाँ हावी हो रही हैं जो जनजातियों को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित कर रही हैं।

वाटिकन में गुरुवार को सम्पन्न बैठक में एमाज़ोन स्थ्ति तूयूका जनजाति के काथलिक पुरोहित फादर जस्टीन रेज़ेन्दे भी शामिल थे जिन्होंने पहली बार सन्त पापा फ्राँसिस के समक्ष उपस्थित होने की खुशी ज़ाहिर की तथा उनके लोगों के बीच कलीसिया की उपस्थिति के लिये सन्त पापा के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।

फादर जस्टीन ने कहा, “मैं यहां अमेज़ोनियों की ओर से विशेषकर जनजातियों की तरफ से बोल रहा हूं। इस बैठक में मैं एकमात्र जनजाति का व्यक्ति हूँ और कृतज्ञतापूर्वक कहता हूँ कि कलीसिया अपने दिल और दिमाग के साथ हम पर दृष्टि लगाये हुए है। सार्वभौमिक कलीसिया के संरक्षण में एमाज़ोन के लोग अपनी समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने हेतु महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त करने की आशा करते हैं।”


(Juliet Genevive Christopher)

कार्डिनल पारोलीन ने किया व्यक्तिवाद को समाप्त करने का आह्वान

In Church on April 13, 2018 at 12:59 pm


पोर्ट मोर्स्बी, शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018 (रेई,वाटिकन रेडियो): पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोर्स्बी में पर्यावरण की रक्षा पर आयोजित ओसियाना के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ की बैठक 11 से 18 अप्रैल तक जारी है। इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, प्रशान्त सागरीय द्वीप, पापुआ न्यू गिनी तथा सोलोमन द्वीपों के 75 काथलिक धर्माध्यक्ष भाग ले रहे हैं।

“हमारे सामान्य धाम की सुरक्षा”, शीर्षक से आयोजित इस बैठक का उदघाटन 11 अप्रैल को सन्त पापा के विशिष्ट प्रतिनिधि वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने किया। ओसियाना की काथलिक कलीसिया को उन्होंने चुनौती दी कि वह ओसियाना के विशाल क्षेत्रों में निहित समाजों में व्याप्त मानव एवं पर्यावरण के लिये हानिकर जीवन शैलियों की पहचान कर स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहन प्रदान करें।

अपने उदघाटन भाषण में कार्डिनल पारोलीन ने सन्त पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र लाओदातो सी पर चिन्तन को साझा करते हुए प्रत्येक व्यक्ति के, मानव के प्रति एवं पर्यावरण के प्रति, दायित्व का स्मरण दिलाया।

इस तथ्य की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि “पारिस्थितिकी और पर्यावरण के प्रश्नों पर हमारे दृष्टिकोण विचारधारा से अति प्रभावित रहा करते हैं ।” उन्होंने कहा कि “मानसिक विचारधारा जो हमें हानिकारक परिणामों तक ले जा सकती है, सन्त पापा फ्राँसिस के “लाओदातो सी” के अनुसार व्यक्तिवाद की विचारधारा है।”

उन्होंने कहा, “यह विचारधारा जिसकी उत्पत्ति ज्ञानोदय के युग से हुई थी व्यक्ति को एक दूसरे से तथा समुदाय से अलग होने के लिये प्रोत्साहित करती है तथा हमें व्यक्तिगत एवं स्वतंत्र जीवन के अन्य तरीकों की ओर अग्रसर करती है।”

पोर्ट मोर्स्बी के जैकसन अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पापुआ न्यू गिनी के कम से कम 300 लोगों ने कलीसियाई नेताओं के साथ कार्डिनल पारोलीन का नृत्य एवं गीतों सहित भावपूर्ण स्वागत किया। इस अवसर पर कार्डिनल पारोलीन ने सन्त पापा फ्रांसिस की ओर से पापुआ न्यू गिनी एवं सम्पूर्ण ओसियाना के लोगों के प्रति हार्दिक शुभकामनाएं अर्पित की तथा प्रार्थनाओं में सदा उनके समीप रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की ओसियाना के धर्माध्यक्षों के साथ बैठक के दिन सबको मनुष्यों के प्रति ईश्वर के प्रेम का अनुभव करा सकें।


(Juliet Genevive Christopher)

यू एन बैठक में वाटिकन अधिकारी ने आप्रवास पर मानव केन्द्रित दृष्टिकोण का किया आह्वान

In Church on April 13, 2018 at 12:57 pm

न्यूयॉर्क, शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018 (रेई,वाटिकन रेडियो): न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक, वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने विश्व के नेताओं का आह्वान किया कि आप्रवास पर वे “अरक्षणीय अल्पकालिक समाधान” के बजाय मानव केन्द्रित दृष्टिकोण अपनायें।

राष्ट्रों के नेताओं से उन्होंने आग्रह किया कि वे “न केवल सीमाओं के प्रबंधन और नियंत्रण सम्बन्धी राज्यों के अधिकारों पर विचार करें, बल्कि आप्रवासियों की प्रवसन स्थिति के बावजूद उनकी गरिमा, उनके मानवाधिकारों और उनकी प्रवासी मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा सम्बन्धी ज़िम्मेदारी को भी याद करें।”

11 अप्रैल को जनसंख्या एवं विकास आयोग की वार्षिक बैठक में महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने प्रतिक्रियावादी नीतियों, जैसे आबादी नियंत्रण या “राष्ट्रीय हित” के संकीर्ण दृष्टिकोण के खिलाफ चेतावनी दी।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा,  “भय पर आधारित असुरक्षित अल्पकालिक समाधान और सीमाओं को बन्द करने हेतु अथवा जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए जनसांख्यिकी का दुरुपयोग केवल भविष्य में और अधिक कष्टकर संकट पैदा कर सकते हैं।”

उन्होंने दलील दी कि “प्रभावशाली ढंग से अपनी सीमाओं का प्रबंधन करने के इच्छुक किसी भी  राष्ट्र को यह नहीं भूलना चाहिये कि पड़ोसियों का जनकल्याण भी उसकी ज़िम्मेदारी है।” उन्होंने कहा, “नित्य बढ़ते वैश्वीकरण का अर्थ है कि राष्ट्रीय हित के नाम पर किसी भी देश की कार्रवाई सीधे अन्य देशों को प्रभावित करती है।”

जनसंख्या और विकास पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के 51 वें सत्र में इस सप्ताह “धारणीय शहर, मानव गतिशीलता और अंतर्राष्ट्रीय आप्रवास”  पर चर्चा की गई।

वाटिकन के प्रतिनिधि ने कहा कि भविष्य में विश्वव्यापी आप्रवास को और अधिक धारणीय बनाने के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, रोज़गार, एवं सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित्त कर मानवाधिकारों के अतिक्रमण के विरुद्ध अनवरत संघर्ष नितान्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सबके लिये समृद्धि, शांति एवं सुरक्षा की स्थापना सभी राष्ट्रों का दायित्व है।


(Juliet Genevive Christopher)